Guarantee vs Warranty in Hindi: शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने गारन्टी या वारंटी का नाम पहले न सुना होगा क्योंकि जब भी हम मार्केट से कोई भी समान खरीदते है तो दुकानदार गारन्टी या वारंटी का जिक्र जरूर करता है।
परंतु कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें ये नही पता होता की गारन्टी और वारंटी होता क्या है या इन दोनों में क्या अंतर है क्योंकि ये दोनों नाम मिलते जुलते है लोग इसके चक्कर में पड़ जाते है। तो आइए अब गारंटी और वारंटी के बारे में विस्तार से समझते है।
गारंटी या वारंटी का लाभ लेने के लिए आप जो समान खरीदते है उसका बिल होना बेहद जरूरी है नही तो दुकानदार आपको इनका लाभ देने से इंकार भी कर सकता है|
What is Warranty । वारंटी क्या है?
चलिए अब वारंटी का मतलब एक उदहारण से समझाते है मान लीजिए की आपने किसी दुकान से मोबाइल ख़रीदा है और आपको दुकानदार ने एक साल की वारंटी दी है। इस अवस्था में आपके मोबाइल के अन्दर कोई भी प्रोब्लम होती है तो आप दुकानदार या सर्विस सेंटर जाकर उस समस्या का समाधान फ्री में करवा सकते है|
एक बात आपको हमेशा ध्यान में रखना है की वारंटी में सिर्फ आप रिपेयर करवा सकते है मोबाइल को बदलवा नही सकते है। एक साल के अन्दर आपका मोबाइल जितनी बार खराब होगा उतनी बार आप रिपेयर फ्री करवा सकते है। इसके लिए आपसे कोई चार्ज नही वसूला जाता है।
वारंटी का लाभ लेते समय एक बात का आपको ध्यान में रखना है की दुकानदार से आपको पका बिल लेना होगा ये चीज मैंने आपको शुरुआत में भी बताई है।
What is Guarantee। गारन्टी क्या है?
चलिए अब गारंटी का मतलब भी एक उदहारण से समझते है मान लीजिए की आपने किसी दूकान से एक सिलाई मशीन खरीदी है और दुकानदार ने आपको एक साल की गारन्टी दी है। अगर आपकी सिलाई मशीन में एक साल से पहले कोई खराबी आ जाती है तो दुकानदार आपकी नई सिलाई मशीन देगा|
इस नई मशीन का आपसे कोई चार्ज नही वसूला जायेगा। एक साल के अन्दर जितनी बार मशीन ख़राब होगी उतनी बार आपकी मशीन change होगी।
तो ये अंतर होता है गारन्टी और वारंटी में। अगर सीधा सीधा कहा जाये तो गारन्टी में समान बदला जाता है और वारंटी में समान रिपेयर होता है अब आप समझ गये होंगे की गारन्टी और वारंटी में क्या अंतर होता है।
पक्का बिल लेना क्यों जरूरी है?
जैसा की मैंने ऊपर आपको बताया है की समान भले गारन्टी का हो या वारंटी का पर आपके पास हमेशा पक्का बिल होना बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर आपका समान ख़राब हो जाता है तो आप वापस दुकानदार के पास समान बदलवाने जाओगे तो दुकानदार तो आपको नहीं पहचानता होगा क्योंकि उसके पास हजारो ग्राहक आते है वो आपको कैसे पहचानेगा इसलिए बिल जरूरी है क्यूंकि मार्केट में आजकल फ्रॉड बहुत होता है।
कुछ लोग तो किसी और का सम्मान भी लाके चेंज करवा सकते है। आप के पास जो बिल है उसमें प्रोडक्ट की सारी डिटेल्स होती है जैसे प्रोडक्ट नाम, प्रोडक्ट का कोड, खरीदारी का दिन इत्यादि। अब आप समझ गए होंगे की पक्का बिल होना क्यों जरूरी है।
गारन्टी और वारंटी के जरूरी टिप्स एंड ट्रिक्स
- गारन्टी में समान कंपनी के द्वारा बदला जाता है तो इसमें कुछ समय लग सकता है।
- वारंटी में समान दुकानदार या कंपनी के सर्विस सेंटर द्वारा ठीक किया जाता है।
- गारन्टी और वारंटी कंपनी द्वारा मिलती है इसमें दुकानदार से कोई लेना देना नही होता है।
- अगर समान ख़राब हो जाता है तो दुकानदार से झगडा न करे।
- गारन्टी और वारंटी की कोई भी शिकायत हो तो उसे सीधे कंपनी को दे न की दुकानदार को।
- कंपनी भी समान को बदलने या रिपेयर करने में कुछ समय लगा सकती है।
आज आपने क्या सीखा?
तो आज के इस आर्टिकल में हमने जाना की Guarantee vs Warranty in hindi या गारन्टी और वारंटी में क्या अंतर है। मुझे पूरी उम्मीद है की आपको ये पोस्ट पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई सवाल है तो कमेन्ट बॉक्स में जरूर पूछे।
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