हलासन के फायदे, सावधानियां और करने का तरीका

योग में कई आसन बताए गए हैं और उनके अलग-अलग लाभ हैं। इन्हीं में से एक है हलासन (Halasana in Hindi)। हलासन के लाभ (Halasana benefits in Hindi) की बात की जाए तो जो व्यक्ति नियमित रूप से हलासन का अभ्यास करता है, उसे पेट संबंधित बीमारियाँ दूर हो जाती हैं, साथ ही मोटापा एवं पेट की चर्बी भी कम होती है। इसके और भी कई लाभ हैं जो शरीर को स्वस्थ एवं सुडौल रखने में मदद करते हैं।

इस लेख में हलासन करने के तरीके, इसके लाभ एवं इसे करते समय ध्यान देने वाली जरूरी सावधानियों के बारे में विस्तार से बताया गया है। हलासन की संपूर्ण जानकारी एवं कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को जानने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

हलासन क्या है? (What is Halasana in Hindi)

हलासन सर्वांगासन का ही एक रूप है। हलासन लेटकर की जाने वाली मध्यमवर्गीय आसन है। इस आसन को करते समय शरीर की आकृति हल (किसान द्वारा उपयोग की जाने वाला एक प्रकार का औजार जो खेत की जुताई के लिए उपयोग किया जाता है) की तरह बनती है, इसलिए इसे हलासन कहा गया है।

यह आसन नए योग साधकों के लिए थोड़ा कठिन होता है, लेकिन इसे किसी योग शिक्षक के निर्देशानुसार किया जाए तो आसान हो जाता है।

हलासन के फायदे (लाभ)

a person is doing a halasana yoga pose on a yoga mat
हलासन के फायदे
  • आलस्य दूर करता है।
  • तनाव एवं चिंता से छुटकारा दिलाता है।
  • मोटापा कम करता है।
  • पेट की चर्बी को दूर करता है।
  • मेरुदंड को लचीला बनाता है।
  • रक्त संचार को ठीक कर रक्त शुद्ध करने में लाभकारी है।
  • सूक्ष्म तंत्रिका तंत्र को सशक्त बनाता है।
  • कब्ज को दूर करता है।
  • जठराग्नि उद्दीप्त करता है।
  • किडनी को स्वस्थ एवं सुचारू रूप से क्रियाशील बनाता है।
  • आंतों को स्वस्थ एवं उनकी कार्य क्षमता को बढ़ाता है।
  • रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है।
  • कार्य क्षमता को बढ़ाता है।
  • थायराइड की समस्या में लाभकारी माना जाता है।
  • गले संबंधी विकार को दूर करता है।
  • स्त्री रोगों में लाभकारी है।
  • गर्भाशय संबंधित विकारों को दूर करता है।
  • चेहरे के निखार को बढ़ाता है।

हलासन करने की विधि

हलासन के लाभों को देखते हुए हर व्यक्ति इस मुद्रा को करना चाहता है, लेकिन इसकी संपूर्ण जानकारी न होने के कारण इसे करना मुश्किल लग सकता है। हम आपको हलासन करने की विधि विस्तार से बताएंगे, जिससे आप इसे आसानी से कर सकें।

  1. सबसे पहले किसी नरम चटाई पर पीठ के बल (शवासन में) लेट जाएं।
  2. दोनों हाथों को बगल में रखें एवं दोनों हथेलियां जमीन से स्पर्श कर रही हों।
  3. सांस लेते हुए दोनों पैरों को एक साथ 90 डिग्री तक उठाएं।
  4. अब सांस छोड़ते हुए पैर को सिर के ऊपर से ले जाते हुए पैर के पंजे को सिर के पीछे जमीन पर टिका दें।
  5. ध्यान रहे घुटने मुड़ने नहीं चाहिए।
  6. हाथों को अपने सुविधानुसार दो स्थिति में रख सकते हैं:
    • पहली स्थिति: हाथ पीठ के पीछे जमीन से स्पर्श कराकर रखें।
    • दूसरी स्थिति: हाथों को पैर के पंजे के नीचे रखकर पैरों की अंगुलियों को पकड़ सकते हैं।
  7. इस पूर्ण स्थिति में साधारण श्वसन क्रिया करें।
  8. पूर्ण स्थिति में अपने क्षमता अनुसार या 1 मिनट से 5 मिनट तक रुक सकते हैं।
  9. सांस अंदर रोककर मूल अवस्था में वापस आएं।
हलासन करने की विधि

हलासन करते समय सावधानियां

  • कड़क मेरुदंड वाले व्यक्ति इस आसन को ना करें।
  • कमर दर्द, स्लिप डिस्क या पीठ दर्द से परेशान व्यक्ति इस आसन को करने से बचें।
  • सर्वाइकल, अल्सर, हर्निया से परेशान व्यक्ति इस आसन को ना करें।
  • उच्च रक्तचाप से ग्रसित व्यक्ति इस आसन को ना करें।
  • गंभीर हृदय विकार वाले व्यक्ति इस आसन को न करें।

हलासन करते समय ध्यान देने वाली महत्वपूर्ण बातें

a woman doing halasana yoga pose on a green mat
हलासन करते समय ध्यान देने वाली महत्वपूर्ण बातें
  • हलासन करते समय किसी नरम चटाई या मैट का प्रयोग करें।
  • दोनों पैर ऊपर ले जाते समय सहजतापूर्ण एवं धीरे-धीरे ऊपर ले जाएं।
  • हलासन के पूर्व स्थिति में आने के बाद ध्यान को आती हुई एवं जाती हुई सांसों पर केंद्रित करें।
  • हलासन से विराम की स्थिति में आते समय अन्तः कुम्भक लगाएं एवं पैरों को धीरे-धीरे नीचे लाएं।
  • योगासन करने से पहले छोटी-छोटी शारीरिक अभ्यास करें जिससे शरीर वॉर्म अप हो जाएं।
  • हलासन करने से पहले वैसे योगासन करें जिससे मेरुदंड, कमर, कूल्हों, कंधों आदि खुल जाएं।

हलासन करने के बाद की जाने वाली आसन

किसी भी योगासन करने के बाद उसके विपरीत आसन जरूर करना चाहिए जिससे शरीर का संतुलन बना रहे। हलासन करने के बाद मत्स्यासन, चक्रासन, सुप्त वज्रासन, भुजंगासन, शवासन, हस्त उत्तानासन एवं पीछे झुककर किए जाने वाले आसनों को जरूर करें।

इस लेख से आपने क्या सीखा?

इस लेख में आपने हलासन करने की विधि, हलासन के फायदे और आसन करते समय बरतने वाली सावधानियां एवं अर्ध हलासन करने की विधि और इसके फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।

आपको यह लेख (Halasana benefits in Hindi) से जुड़ी जानकारी कैसी लगी, नीचे कॉमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। आपके द्वारा किया गया कॉमेंट हमें अच्छे लेख लिखने के लिए प्रेरित करता है, और साथ में यह भी जरूर बताएं यदि लेख में कोई त्रुटि हो या सुधार की जरूरत हो तो अवश्य उसके बारे में लिखें जिससे हम सुधार कर इसे त्रुटिहीन बना सकें।

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कोई भी योगासन करते समय अपने शारीरिक क्षमता का ध्यान रखें। किसी भी योगासन को शुरू करने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से परामर्श लें, विशेष रूप से यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त हैं। गलत तरीके से योग करने से शारीरिक चोट या अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

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गजेंद्र शेखावत

गजेंद्र शेखावत

दोस्तों, आपका हमारी साइट में बहुत-बहुत स्वागत है। मेरा नाम गजेंद्र है। मुझे अपनी दैनिक जीवन शैली से जुड़ी चीजों के बारे में जानने की बहुत जिज्ञासा होती है। अपने अनुभव और ज्ञान को मैं इस साइट के माध्यम से आपके साथ साझा करता हूँ। आशा है कि मेरी लेखनी आपको जानकारीपूर्ण और उपयोगी लगेगी। धन्यवाद!

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