प्लुटो ग्रह के बारे में 35 रोचक और मजेदार तथ्य

प्लूटो, जिसे 2006 से पहले सौरमंडल के नौ ग्रहों में सबसे छोटे ग्रह के रूप में जाना जाता था। परन्तु, 2006 में अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने प्लूटो को ग्रहों की श्रेणी से हटा दिया, जिससे यह सवाल उठने लगा कि क्या यह सौरमंडल से गायब हो गया है।

इसके कुछ समय बाद ही इसे बौने ग्रहों की श्रेणी में शामिल कर लिया गया। प्लूटो सूर्य से लगभग 5,913,520,000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस ग्रह को हिंदी में ‘यम ग्रह‘ कहा जाता है। आइए, हम प्लूटो ग्रह से जुड़े कुछ रोचक तथ्य और जानकारियाँ साझा करते हैं।

प्लुटो ग्रह के बारे में रोचक तथ्य

  1. फ्लूटो की खोज 18 फरवरी 1930 को खगोल विज्ञानी क्लाइड डब्ल्यू. टॉम्बॉ द्वारा की गई थी। उस समय वे एरिजोना के फ्लैगस्टाफ में लोवेल वेधशाला में काम कर रहे थे।
  2. क्लाइड डब्ल्यू. टॉम्बॉ ने प्लूटो को गलती से खोजा था; वे वास्तव में एक अन्य ग्रह, जिसे प्लेनेट एक्स कहा जाता था, की तलाश कर रहे थे जो यूरेनस और नेप्च्यून की कक्षाओं में गड़बड़ी पैदा कर रहा था।
  3. प्लूटो का नाम ऑक्सफोर्ड स्कूल ऑफ लंदन में पढ़ने वाली 11वीं कक्षा की छात्रा वेनेशिया बर्ने ने रखा था। इस छात्रा ने सुझाव दिया था कि रोम में अंधेरे के देवता को प्लूटो कहा जाता है, और क्योंकि इस ग्रह पर भी अंधेरा ही रहता है, इसलिए इसका नाम प्लूटो रखा गया।
  4. प्लूटो पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी की तुलना में बेहद कम होता है। उदाहरण के लिए, अगर पृथ्वी पर किसी वस्तु का वजन 100 पाउंड है, तो प्लूटो पर वह केवल 7 पाउंड होगा।
  5. प्लूटो और सूर्य के बीच की दूरी लगभग 40 गुना है। अगर पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी 1 किलोमीटर मान ली जाए, तो प्लूटो और सूर्य के बीच की दूरी 40 किलोमीटर होगी।
  6. वैज्ञानिकों की खोज में इस ग्रह की सतह पर बड़े-बड़े गड्ढे पाए गए हैं। उदाहरण के लिए, प्लूटो पर 260 किलोमीटर व्यास के बड़े गड्ढे देखे गए हैं।
  7. क्या आपको पता है? पृथ्वी की सतह पर दबाव प्लूटो की तुलना में 100,000 गुना अधिक है।
  8. प्लूटो का नाम 1930 में रखा गया था, और इसके नामकरण के लिए उस लड़की को 5 पाउंड का इनाम दिया गया था।
  9. प्लूटो से मिली जानकारी से यह पता चला कि इस ग्रह पर जीवन का अस्तित्व नहीं है। बौने ग्रह प्लूटो के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग किया जाता है।
Amazing Pluto Facts In Hindi
प्लूटो को हिंदी में ‘यम ग्रह‘ कहा जाता है
  1. सूर्य और प्लूटो के बीच अधिक दूरी होने के कारण सूर्य की रोशनी को प्लूटो तक पहुंचने में लगभग 5 घंटे लगते हैं, जबकि पृथ्वी तक आने में केवल 8 मिनट 20 सेकंड।
  2. प्लूटो का आकार पृथ्वी के चंद्रमा से भी छोटा है।
  3. इसका द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का केवल 1/6 है और इसका व्यास पृथ्वी के व्यास का 2/3 है।
  4. प्लूटो का सबसे बड़ा चंद्रमा शैरॉन है, जिसे इस ग्रह का एक चक्कर लगाने में 6.4 दिन का समय लगता है।
  5. इस ग्रह के कुल 5 चंद्रमा हैं: शैरॉन, निक्स, हाइड्रा, केर्बेरोस, और स्टाइक्स
  6. प्लूटो को सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने में पृथ्वी के मुकाबले 248 साल लगते हैं।
  7. यह ग्रह अंडाकार कक्षा में चक्कर लगाता है, इसलिए जब यह सूर्य के करीब आता है, तो इस पर बर्फ पिघल जाती है और गैसीय रूप से इसके वातावरण का निर्माण करती है।
  8. बौने ग्रह प्लूटो का एक दिन पृथ्वी के मुकाबले 6.4 दिन के बराबर होता है।
  9. नासा ने 2006 में प्लूटो का और अधिक अध्ययन करने के लिए न्यू होराइजन नामक अंतरिक्ष यान लॉन्च किया था। यह पहला यान था जो प्लूटो के लिए उड़ान भरा था।
  10. प्लूटो पर मौजूद तत्वों से वैज्ञानिकों ने यह अनुमान लगाया कि ग्रह के चट्टानी कोर और बर्फ की मोटी बाहरी परत के बीच तरल पानी का अस्तित्व हो सकता है।
  11. प्लूटो के 5 उपग्रहों में शैरॉन (1978 में खोजा गया), निक्स और हाइड्रा (2005 में खोजे गए), केर्बेरोस (2011 में खोजा गया), और स्टाइक्स (2012 में खोजा गया) शामिल हैं।
an image of planets and stars in space
Facts About Pluto In Hindi
  1. वैज्ञानिकों के अनुसार, बौने ग्रह प्लूटो पर एक तिहाई बर्फ के रूप में जल और दो तिहाई चट्टान है।
  2. इस ग्रह का अनुमान 1915 में वैज्ञानिक पर्सिवल लोवेल ने लगाया था।
  3. सूर्य की तीव्रता पृथ्वी पर पूर्ण दिन की तुलना में प्लूटो पर 1/900 गुना धुंधली होती है, जिससे प्लूटो पर गर्मी बेहद कम होती है।
  4. प्लूटो ग्रह नेप्च्यून की कक्षा से परे एक डिस्क के आकार के क्षेत्र में स्थित है, जिसे क्विपर बेल्ट कहा जाता है।
  5. इस ग्रह का व्यास 2302 किमी (1430.4 मील) है, जो पृथ्वी के चंद्रमा के केवल दो-तिहाई है, और इसका द्रव्यमान 1.31*10²² किलोग्राम है, जो चंद्रमा का एक-छठा हिस्सा है।
  6. प्लूटो अपनी कक्षा में सूर्य के पास जाने पर, इस ग्रह की बर्फीली परत पिघल जाती है और नाइट्रोजन, मीथेन, और कार्बन मोनोऑक्साइड से युक्त गैसीय वातावरण की एक पतली परत बनाती है। जैसे ही यह सूर्य से दूर जाता है, यह परत वापस जम जाती है।
  7. प्लूटो ग्रह का घनत्व 2.050 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर है और इसका भूतल गुरुत्वाकर्षण 0.66 मीटर प्रति वर्ग सेकंड है।
  8. प्लूटो ग्रह का घूर्णन प्रतिगामी है, जिसका अर्थ है कि यह ग्रह युरेनस और शुक्र की तरह पूर्व से पश्चिम की ओर घूमता है और इसमें 122.5 डिग्री का अक्षीय झुकाव है।
  9. 1978 में प्लूटो की खोज के लगभग 50 साल बाद, इस ग्रह की परिक्रमा करने वाले पहले चंद्रमा की खोज हुई थी।
  10. प्लूटोनियम तत्व का नाम इसी ग्रह के नाम पर रखा गया था।
an artist's impression of pluto and the milky way
फ्लूटो की खोज 18 फरवरी 1930 को खगोल विज्ञानी क्लाइड डब्ल्यू. टॉम्बॉ द्वारा की गई थी।
  1. हबल स्पेस टेलीस्कोप प्लूटो के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता रहा है।
  2. प्लूटो को लघु ग्रह सूची में 134340 नंबर दिया गया है।
  3. प्लूटो पर पृथ्वी की तुलना में 10,000 गुना कम सतह का दबाव है।
  4. अंतरिक्ष यान की मदद से प्लूटो में एक दिल के आकार का क्षेत्र भी खोजा गया, जिसे स्पुतनिक प्लेनम कहा जाता है। यह क्षेत्र नाइट्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड और मीथेन आयनों से बना हुआ है। प्लूटो का वायुमंडल मुख्य रूप से नाइट्रोजन से बना है, जो सतह से 1600 किमी ऊपर फैला हुआ है। मिथेन वायुमंडल का एक अन्य घटक है और यह सूर्य के प्रकाश के कारण एथिलीन और एसीटिलीन में टूट जाता है।
  5. इस ग्रह का तापमान माइनस 233 से माइनस 223 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।
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कुणाल सिंह

कुणाल सिंह

कुणाल सिंह लखनऊ, उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे ज्ञानवर्धक जानकारी को लोगों तक पहुँचाने में अग्रसर हैं। कुणाल ने अब तक अनेक वेबसाइट्स पर 500 से अधिक लेख प्रकाशित किए हैं, जिनमें वे विभिन्न विषयों पर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है।

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