आजकल सभी लोग योग को गहराई से जानना चाहते हैं। ऐसे में वज्रासन (Vajrasana in Hindi) को विस्तार से जानना जरूरी है क्योंकि वज्रासन के कई लाभ (Vajrasana Benefits in Hindi) हैं तो कई इससे जुड़ी सावधानियां भी हैं।
योग एक ऐसी विधा है जिसे पाने के लिए कई नियम और शर्तों को पालन करना जरूरी होता है। नहीं तो कहा जाता है कि इसके प्रतिकूल प्रभाव भी हो सकते हैं।
वैसे तो किसी भी योगासन को सुबह के समय खाली पेट करना ज्यादा उचित माना जाता है। परंतु वज्रासन (Vajrasana in Hindi) एकमात्र ऐसा आसन है जिसे खाना खाने के तुरंत बाद भी किया जा सकता है।
खाना खाने के तुरंत बाद वज्रासन करने से पाचन क्रिया में वृद्धि होती है एवं खाना आसानी से पचता है। इसके कई कारण हैं जो नीचे के लेख में बताया गया है।
यदि आप भी वज्रासन के लाभ (Vajrasana Benefits in Hindi) एवं इसकी क्रिया विधि से अनजान हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। जानिए इस लेख में वज्रासन (Vajrasana in Hindi) को विस्तार से।
वज्रासन क्या है? (What is Vajrasana in Hindi)
यह बैठकर किया जाने वाला आसन है। वज्रासन (Vajrasana in Hindi) का शाब्दिक अर्थ वज्र यानी कठोर और आसन यानी मुद्रा होता है। यह एकमात्र आसन है जिसे खाना खाने के तुरंत बाद भी किया जा सकता है।
इसे वज्रासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इससे दृढ़ता आती है एवं नियमित करने से बुढ़ापे में भी वज्र के समान शरीर को बलवान तथा स्थिरता बनी रहती है।
वज्रासन के फायदे
योग के कई लाभ हैं उसी में से एक है वज्रासन (Vajrasana in Hindi) जिसके भी कई लाभ (Vajrasana Benefits in Hindi) हैं जिसे नीचे विस्तार से बताया गया है:
- वायु विकार दूर करता है।
- पाचन शक्ति को बढ़ाता है।
- हर्निया और बवासीर से परेशान व्यक्ति को लाभ मिलता है।
- कब्ज एवं अपच जैसी समस्या से छुटकारा दिलाता है।
- गठिया वात एवं जोड़ों के दर्द को होने से बचाता है।
- वज्रनाड़ी एवं वीर्यपाद नाड़ी को मजबूत कर वीर्यदोष से मुक्ति दिलाता है।
- स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।
- आंखों की रोशनी को बढ़ाता है।
- चेहरे पर चमक आती है।
- वायु विकार के कारण होने वाले सिर दर्द को दूर करता है।
- पाचन तंत्र के लिए यह रामबाण आसन है।
- पैरों तथा जांघों के नसों को मजबूती मिलती है।
- वज्रासन करने से जठराग्नि बढ़ती है।
- मन की चंचलता कम होती है।
- ध्यान एकाग्रता में बढ़ोतरी होती है।
- तनाव दूर होता है।
- महिलाओं के लिए यह आसन बहुत जरूरी है, इसे करने से स्त्री विकार दूर होते हैं एवं शरीर निरोगी बनता है।
- अंडकोष की सूजन में लाभदायक है।
- साइटिका के मरीज को भी यह आसन लाभदायक है।
वज्रासन करने की विधि (Vajrasana Karne ki Vidhi in Hindi)
- किसी नरम चटाई पर घुटने के बल खड़े हो जाएं।
- दोनों पैरों के अंगूठों को आपस में स्पर्श कराकर रखें।
- तलवा आकाश की तरफ हो एवं एड़ियों को बाहर की तरह खोलते हुए थोड़ा दूर रखें।
- अब तलवों पर अपने नितंब को रखकर बैठ जाएं।
- इस प्रकार बैठे कि दोनों एड़ियों के बीच के स्थान पर गुदाद्वार एवं गुप्तांग को रखें।
- दोनों घुटनों को आपस में सटाकर रखें।
- दोनों हाथों की हथेलियों को दोनों जांघों पर स्थापित करें।
- कमर, मेरुदंड एवं गर्दन को सीधा रखें।इस स्थिति में साधारण श्वास करें।
- सहजता से आंखें बंद कर आती और जाती हुई सांस पर ध्यान केंद्रित करें।
- अपनी क्षमता अनुसार इस आसन को शुरुआत में 1 मिनट तक करें।
- धीरे-धीरे इसके समय को बढ़ाकर 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।
- सांस छोड़ते हुए पैरों को सीधा कर आराम करें।
वज्रासन करते समय सावधानियाँ
वज्रासन (Vajrasana in Hindi) ऐसा आसन है जो कोई भी कर सकता है। लेकिन इसे करते समय भी कुछ बातों को ध्यान रखना जरूरी है:
- घुटनों में तेज दर्द हो तो इस आसन को ना करें।
- एड़ियों में तेज दर्द या कोई बड़ी समस्या हो तो इस आसन को ना करें।
- घुटनों का ऑपरेशन वाले व्यक्ति इस आसन को ना करें।
- इस आसन को करते समय शरीर सीधा एवं साधारण अवस्था में रखें।
- शरीर को तनाव न दें।
वज्रासन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां
- इस आसन को करने से पेट के निचले हिस्से में रक्त संचार में वृद्धि होती है, जिससे पाचन क्रिया में बढ़ोतरी एवं सुधार होता है।
- किसी भी व्यक्ति को इस आसन को खाना खाने के तुरंत बाद 10 से 15 मिनट जरूर करना चाहिए।
- ध्यान देने वाली बात यह है कि इस आसन को करते समय कमर, गर्दन एवं मेरुदंड सीधा रखें।
- आंखें बंद करके इस आसन में बैठने से ज्यादा लाभ मिलता है एवं मन शांत हो जाता है।
- इसे किसी साफ एवं शांत वातावरण में करना ज्यादा उचित होता है।
वज्रासन के प्रकार (Types of Vajrasana)
वज्रासन (Vajrasana in Hindi) का कोई अन्य प्रकार नहीं है। लेकिन इसके नाम से मिलता-जुलता एवं समान क्रिया वाला एक आसन है जिसे सुप्त वज्रासन (Supta Vajrasana in Hindi) कहा जाता है।
नीचे कुछ आसनों के नाम बताए गए हैं जो वज्रासन (Vajrasana in Hindi) से संबंधित हैं और इन आसनों को लगभग वज्रासन के द्वारा ही किया जाता है। जैसे:
- वज्रासन
- आनंद मदिरासन
- पादादिरासन
- शशांकासन
- सुप्त वज्रासन
- पर्यकासन
- उष्ट्रासन
- कुर्मासन
- भद्रासन
- मंडूकासन या भेकासन
- उत्तान मंडूकासन
- मार्जरी आसन
- व्याघ्रासन
- वीरासन
वज्रासन से जुड़े कुछ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)
वज्रासन अपनी क्षमता के अनुसार करें। यदि आप सक्षम हैं तो इस आसन को 10 से 15 मिनट तक कर सकते हैं।
वैसे आर्थराइटिस के मरीज, जिनके घुटनों में दर्द या सूजन है, उन्हें वज्रासन नहीं करना चाहिए।
वज्रासन करने से जांघें पतली नहीं होती हैं, बल्कि मजबूत होती हैं।
रात में भी खाना खाने के तुरंत बाद वज्रासन किया जा सकता है। आप चाहें तो इसे कभी भी कर सकते हैं।
इस लेख से आपने क्या सीखा?
इस लेख में वज्रासन (Vajrasana in Hindi) से संबंधित सभी जानकारियां विस्तार से प्राप्त कीं, जैसे – वज्रासन क्या है, वज्रासन करने की विधि, वज्रासन के लाभ (Vajrasana Benefits in Hindi) एवं फायदे, वज्रासन करते समय सावधानियां, इत्यादि।
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कोई भी योगासन करते समय अपने शारीरिक क्षमता का ध्यान रखें। किसी भी योगासन को शुरू करने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से परामर्श लें, विशेष रूप से यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त हैं। गलत तरीके से योग करने से शारीरिक चोट या अन्य समस्याएं हो सकती हैं।